जनसूचना मांगने पर भड़के एआरटीओ का ऑडियो हुआ वायरल

मीनू बरकाती @express views
पीलीभीत के शेरपुर कलां निबासी रियाज खां द्वारा जनसूचना मांगने पर भड़के एआरटीओ का ऑडियो हुआ वायरल।. ऑडियो में ,एआरटीओ प्रार्थी रियाज खां को फोन करके हड़काने लगे और कहा आफिस आओ सिखाता हो कैसे मांगी जाती है सूचना ।
पीलीभीत । जिले में काफी समय से ट्रेनों का संचालन न होने के कारकं यात्रियो को प्रतिदिन काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसका फायदा अबैध रूप से संचालित निजी वाहनसंचालक उठा रहे हैं हांलाकि परिवहन विभाग द्वारा भी रोडवेज बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है परन्तु फिर भी प्रशासन की महरबानी के चलते खुटार, पूरनपुर, बीसलपुर, बरेली के मार्ग पर बिना परमिट के अबैध वाहन संचालित हो रहे हैं । जिसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक शिक्षक ने जब सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी आरटीओ विभाग से मांगी तो उन पर फोन पर एआरटीओ साहब भड़क उठे, इस ऑडियो को प्रति ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया ।
वायरल ऑडियो में एआरटीओ ने सूचना लेटर देखने पर रियाज खां को फोन करके धमकी दी और और बोले दफ्तर आओ समझाओगा कानून ऊँची आबाज मे जोर जोर से चीखने पर उतारू हो गये , रिकोर्डिग मे साफ़ स्पष्ट है की सूचना मांगने बाले पर दबाब बनाया जा रहा था डराया जा रहा है। जन सूचना अधिकार दफ्तर मे देने की बात की जा रही है। देश में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक नागरिक को जनसूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना मांगने का अधिकार प्राप्त है। परन्तु वायरल आँडियों मे जिस प्रकार से एक जिला स्तरीय अधिकारी द्रारा जिस भाषा का प्रयोग किया गया है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि एआरटीओ महाशय का अपना कोई व्यक्तिगत स्वार्थ है।
प्राप्तजानकारी के अनुसार ,साहब की मेहरबानी से खूब अनाधिकृत वाहन चल रहे है दरअसल परिवहन विभाग की मिलीभगत से जिले में अनाधिकृत वाहनों का संचालन धड़ल्ले से किया जाता है ।मैजिक हो या ईको वाहन इनका संचालन आराधिका तरीके से करा कर मोटी कमाई विभाग के अफसर कर रहे हैं। बिना कर भरे दिल्ली, पंजाब तक बसें जाती हैं। जन सूचना अधिकार में मांगी गई सूचना से साहब की पोल ना खुल जाए इसलिए ही उनका पारा आसमान पर चढ़ गया। इधर रियाज खां ने बताया मुख्यमंञी,जिलाधिकारी, सूचना आयोग मे एआरटीओ की दबंगी की शिकायत करेगे ।

सूचनाएं जो आरटीओ से मांगी थी

- कुछ चार पहिया वाहन जैसे कि ईको पूरनपुर और बरेली के बीच सवारियों से मोटा किराया लेकर संचालित होती हैं। क्या ये आप के संज्ञान में है?
- क्या मालिकों के पास वैध परमिट है? व रोड टैक्स वगैरह देते हैं?
- क्या उपरोक्त अवैध संचालित वाहनों के खिलाफ कभी संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की?
- क्या आप ने इनकेए परमिट जारी किया है? अगर शिकायत हो तो क्या विधिक कार्रवाई की जाएगी?