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उत्तर प्रदेश पीलीभीत 

पैथोलोजी लैब्स से गलत रिपोर्ट्स जारी करने के पहले भी कई मामले आ चुके हैं सामने!

अल्ट्रासाउंड में जीवित को मृत बताने का मामला

@express viewsdesk
पीलीभीत। अनुभव विहीन डॉक्टरों की कमीशनखोरी ने पेशे को दागदार बना दिया है। जिले में संचालित पैथोलोजी लैब्स से जारी होने वाली गलत रिपोर्ट्स का एक और चौकाने बाला मामला प्रकाश में आया है। इससे पहले भी कई मामले गलत रिपोर्ट्स जारी होने के सामने आ चुके है।
क्या है मामला
29 जून 2019 को गांधी स्टेडियम रोड स्थित एक नर्सिंग होम पर न्यूरिया कस्बा के मोहल्ला खब्बापुर निवासी नदीम अहमद की पत्नी नेहा ने अपना चेकअप कराया। डॉ. ने गर्भवती महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। 24 जुलाई को नदीम अहमद अपनी पत्नी नेहा को लेकर ओजस्वी डायग्नोस्टिक्स सेंटर पहुंचा जहां डॉ. ओजस्वी शर्मा ने नेहा के गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य की जांच की।आरोप है कि नेहा के गर्भस्थ शिशु की जांच करने के बाद डॉ.ओजस्वी शर्मा ने रिपोर्ट में शिशु को मृत दर्शा दिया। गर्भवती के पति नदीम को अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हुई और उसने 25 जुलाई को विवादों से घिरे एक अन्य अस्पताल में चेकअप कराने सहित अल्ट्रसाउंड कराया। जहां हॉस्पिटल की अल्ट्रसाउंड रिपोर्ट में शिशु को स्वस्थ्य बताया गया। गर्भवती नेहा के पति नदीम का शक अभी भी दूर नही हुआ और उसने अपनी शंका दूर करने के लिए एक बार फिर दूसरे डायग्नोस्टिक्स पर जाकर अल्ट्रसाउंड कराया। वहां भी नेहा के गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ्य और सकुशल बताया।
वहीँ नर्सिंग होम की डॉ ने बताया कि उनके यहां इस तरह की कोई महिला चेकअप कराने नही आई है , झूठी शिकायत करके फसाने की साजिश की जा रही है।


लैब से गलत रिपोर्ट जारी होने का कोई पहला मामला नहीं है ये
बता दे, ओजस्वी पैथोलॉजी लैव से जारी गलत रिपोर्ट का ये पहला मामला नहीं है इससे पहले भी अन्य मामले सामने आ चुके हैं जिसमे पीलीभीत के मोहल्ला कुंवर गड निवासी मोहित कुमार द्वारा 22 मार्च को यूरिक ऐसिड जैसी मामूली जांच ओजस्वी पैथोलॉजी लैव में कराई गई जिसमें उनको नार्मल से भी कम की रिपोट पकड़ा दी गई। जबकि पीड़ित द्वारा उसी समय करवाई गयी अन्य लैब्स की जाच बॉर्डर लाइन शो कर रहीं थीं । शंका होने पर पीड़ित ने नगर में अगले ही दिन फिर से एक और जाच प्राइवेट लैब पर करवाई । और अन्य लैब्स की रिपोर्ट की ही तरह ये भी बॉर्डर लाइन पर पायी गयी ।
जिसके बाद ओजस्वी पैथोलॉजी लैब पर जब मोहित कुमार इस बारे में बात करने डॉ साहब के पास पहुंचे तब उन्होंने इसको कम्प्यूटर एरर बताते हुए पल्ला झड़ने की कोशिश की। लेकिन जब मोहित कुमार ने उनको बताया की आपके टेक्नीशियन के असिस्टेंट ने हमको उसके द्वारा बनायीं गयी रिपोर्ट दिखा दी है और उसकी पिक्चर भी हमारे पास है तब उन्होंने ओरिजनल रिपोर्ट मांगते हुए जबरन अपने पास उसे रख लिया और कहा 100 में से ५ रिपोर्ट गलत होना हमारी मेडिकल लाइन में स्वीकार्य है। और हम फिर से चाहे तो आपकी जांच कर देते हैं । इससे अलावा मोहल्ला पकड़िया निवासी उदय पुत्र विनय कुमार द्वारा भी एक अन्य लैब में डेंगू की जांच करवाई गयी थी किन्तु एक लैब की रिपोर्ट में व्यक्ति की प्लेटलेट्स 70000 व् टीएलसी 3600 पायी गयी और रिपोर्ट्स में डेंगू होना दर्शाया गया फ़ौरन ही फिर दूसरी लैब में जांच करवाई गयी तो प्लेटलेट्स 248000 और टीएलसी काउंट 10200 पायी गयी । संदेह होने पर फिर से मरीज द्वारा पहले वाली निजी लैब में उसी दिन २ घंटे बाद जांच करवाई गयी तो टीएलसी 13800 और प्लेटलेट्स 199000 प्राप्त हुए । दोबारा करवाई गयी इसी जांच में डेंगू नहीं होना रिपोर्ट्स में दर्शाया गया ।

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